उसने गंभीर तथा अचानक प्रकोपन में पत्नी की हत्या की.
2.
अभियुक्त की ओर से ऐसी कोई दस्तावेजी व मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है कि अभियुक्त को अचानक प्रकोपन गुस्सा, आवेश आया था और यह प्रकोपन गुस्सा, आवेश डिप्रेशन की वजह या अन्य मानसिक बीमारी की वजह से आ जाता था।
3.
' ' अपराधिक मानव वध हत्या नहीं है यदि अपराधी उस समय जबकि वह गंभीर व् अचानक प्रकोपन से आत्म-संयम की शक्ति से वंचित हो, उस व्यक्ति की जिसने कि वह प्रकोपन दिया था, मृत्यु कारित करे या किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु भूल या दुर्घटना वश कारित करे.
4.
वर्तमान घटना गम्भीर, अचानक प्रकोपन से आत्म संयम की षान्ति से वंचित होने के कारण आवेष मे घटित होना नही पाया जाता है बल्कि प्रकरण मे प्रस्तुत साक्ष्यो के प्रकाष मे अभियुक्तगण द्वारा अपने साथियो के साथ मिलकर मृतक की मृत्यु कारित करने के आषय से एवं यह सम्भाव्य जानते हुये 35 कारित किया जाना पाया जाता है कि उनके इस कृत्य से दिगपाल चन्द की मृत्यु सम्भाव्य है।